दोस्तों,
कुछ शेर आपकी ख़िदमत मे पेश कर रहा हूँ ।
मेरे ख़ुद के लिखे हुए नही हैं । बस यूँही, कभी किसी दोस्त से आयी ई-मेल मे, कभी यहाँ से कभी वहाँ से, जो कुछ अच्छा मिल गया उसे सँजो के रखता गया । अब सोचता हूँ इन्हे आप सब के साथ बाटूँ । आप इनका लुत्फ़ उठाइये ।
[मग़र हाँ, अगर किसी दोस्त को लगता है कि यहाँ किसी तरह का कॉपीराइट हनन हो रहा है (मसलन किसी के लिखे शेर बिना इज़ाजत छापे गये हैं) तो मुझे फ़ौरन बताएं, मै उनको तुरन्त हटा लूंगा । ]
हाँ तो ज़रा ग़ौर फ़रमाइयेगा -
रहने दे आसमां ना अब कहीं की तलाश कर
सब कुछ यहीं है ना अब कहीं की तलाश कर ।
हर आरज़ू हो पूरी तो जीने मे क्या मज़ा है
जीने के लिये एक कमी की तलाश कर ॥
कुछ लोग थे जो वक्त के सांचे बदल गये ॥
कुछ शेर आपकी ख़िदमत मे पेश कर रहा हूँ ।
मेरे ख़ुद के लिखे हुए नही हैं । बस यूँही, कभी किसी दोस्त से आयी ई-मेल मे, कभी यहाँ से कभी वहाँ से, जो कुछ अच्छा मिल गया उसे सँजो के रखता गया । अब सोचता हूँ इन्हे आप सब के साथ बाटूँ । आप इनका लुत्फ़ उठाइये ।
[मग़र हाँ, अगर किसी दोस्त को लगता है कि यहाँ किसी तरह का कॉपीराइट हनन हो रहा है (मसलन किसी के लिखे शेर बिना इज़ाजत छापे गये हैं) तो मुझे फ़ौरन बताएं, मै उनको तुरन्त हटा लूंगा । ]
हाँ तो ज़रा ग़ौर फ़रमाइयेगा -
रहने दे आसमां ना अब कहीं की तलाश कर
सब कुछ यहीं है ना अब कहीं की तलाश कर ।
हर आरज़ू हो पूरी तो जीने मे क्या मज़ा है
जीने के लिये एक कमी की तलाश कर ॥
और जब बात हुई जीने के तरीके की तो फ़िर ये भी याद कर लेना चाहिये कि -
कुछ लोग थे जो वक्त के सांचों मे ढल गयेकुछ लोग थे जो वक्त के सांचे बदल गये ॥
जाने कैसे लोग थे वो । शायद उनकी सोच ऐसी होती होगी -
ज़िन्दगी की असली उड़ान अभी बाकी हैहमारे इरादों का इम्तिहान अभी बाकी है ।
अभी तो नापी है सिर्फ़ मुट्ठी भर ज़मीन
आगे सारा आसमान अभी बाकी है ॥
और ऐसी सोच वाले अगर इश्क़ करते होंगे तो वो भी इसी ज़ज़्बे के साथ -
नया ज़माना नये सुबहो शाम पैदा कर |
आदाब अर्ज़ है ।
5 टिप्पणियां:
मेरा ईमेल यह है।
आपका संकलन निश्चित ही विचारोत्तेजक है।
पाण्डेयजी,
आगाज इतना जबरदस्त है तो सफर भी दिलकश रहेगा |
आप आगे भी ऐसे ही अशार पढवाते रहेगें ऐसी कामना है,
हिन्दी ब्लागजगत में आपका स्वागत है |
साभार,
achcha sankalan hai.. pesh karane ka tarika bhi.. aage aur bahut kuchh hoga umeed hai..
शेर सभी बहुत अच्छे होने के बावजूद भी मेरे नहीं हैं, अतः मुझे कोई आपत्ति नहीं है. मेरे होते तो भी नहीं होती. :)
--स्वागत है हिन्दी चिट्ठाजगत में. लिखते रहें और पढ़वाते रहें.
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